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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance Inspirational

जिंदगी के किसी मोड़ पे ---

जिंदगी के किसी मोड़ पे ---

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जिंदगी के किसी मोड़ पे मिले हम- तुम !

मुलाकात हुई मेरी किसी मुस्कान से !

वहीं से हमारी शरारतों भरा सुकून का सफर जारी है !

जिंदगी के उस मोड़ ने हमें न जाने किस मोड़ पे लाकर खड़ा कर दिया है,

जहाँ से उस मोड़ के अलावे कोई मोड़ ही नहीं कभी महसूस होती !

जिंदगी बदल दी उस मोड़ ने मेरी, उस मोड़ पे उसी मोड़ से !

मिले जब हम तो मालूम हुआ की हमारा जन्म - जन्मांतर का रिश्ता जुड़ा हुआ है !

अधूरी यादें जुड़ी हुई हैं हमारी जो इस जन्म में ईश्वर ने पूरा करने के लिए

एक - दूसरे को एक - दूसरे के लिए बनाकर भेजा है ।


पहचान तो हमारी कब ही हुई थी !

मगर हमारे बीच के फासले उस दिन ही मिटी

जब हमने एक - दूजे के हमसफ़र बनने की फैसला किया !

करीब हम आ गए इतना जितना पेड़ और उसकी पत्तियाँ करीब रहती हैं

जुड़कर हरियाली से हरी - भरी !

जैसे बिन पत्तियों के पेड़ का महत्व ही क्या है ?

ठीक वैसे ही बिन तेरे अब मेरी जिंदगी का अस्तित्व ही क्या है ?

हरियाली आएगी हमारी डाल पे ,हमारी शाखाओं पे उसी समय ! 

जिस समय दुल्हन बनकर मुस्कान की दस्तक दोगी मेरे दिल के आँगन में

फिर उसी मोड़ की तरह जिस मोड़ पे हमने एक- दूजे को दिल दे दिए थे !

जिंदगी बदली नहीं है मेरी ! बस तेरे आने से जीने का बदला है नजरिया। 

एक तुम ही तो मेरी वजह हो जीने का अब तुम ही मेरे मुस्कान की एकमात्र जरिया ।

जिंदगी के किसी मोड़ पे मिले थे कभी हम-तुम ।

साथ हमेशा यूं ही बना रहें बस यही दुआ है ,यही जीने का बचा जुनून!


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