मुझे पास आने दो
मुझे पास आने दो
इन आंखों की प्यास,
तुम्हे देख कर बुझ जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
ये जो दायरे से रखे हैं,
मुस्कुराने और रोने के,
कुछ देर ही सही,
इन्हें दरकिनार होने दो।
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
मुझे देख लेने दो,
गुलाल तुम्हारे गाल का,
शर्माने से, जिस पे रंग चढ़ा,
है लाल सा।
पी लेने दो नमी इन लबों की,
मिलने दो धड़कनें इन दिलों की।
मेरे हाथ में अपना हाथ होने दो,
न रोको, आज मुझे पास आने दो।
ये मासूमियत इस चेहरे की,
निहारने दो बेखटके,
देखो कुछ ऐसे,
की खबर न कोई लगे,
तुम्हारे जिस्म को,
मेरे जिस्म पर मिट जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
ये जो पर्दे गिरा रखे है तुमने,
शमा के चारों ओर,
उड़ने दो इन्हें ,
न पकड़ो कोई छोर,
इस छुअन से तरंग,
तन में भर जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
बुझा देने दो प्यास,
दो दिलों की आज,
रस्मों रवायतें कुछ देर ही सही,
मिट जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
उतर लेने दो,
खुद को इन आंखों में,
तुम्हारे तन की आंच से,
जिस्म मेरा पिघल जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
चूम लो लब मेरे,
इक तरंग पूरे जिस्म में भर जाने दो,
घेर लो ऐसे अपनी बांहों के दरमियान,
इस आलिंगन की मिठास ज़रा बढ़ जाने दो।
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
मेरी उंगलियों को उलझ लेने दो,
तुम्हारी जुल्फों के साए में,
तुम्हारे चेहरे से, ये घटा घन
हट जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
इन बांहों का घेरा बन जाने दो हार,
हल्की छुअन से, मन ज़रा बहक जाने दो,
आगोश में भरने दो खुद को,
मेरे होंठों से इन होंठों को रंग जाने दो
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।
आज कोई दायरा न रहे दरमियान, सनम
तुम्हारे प्यार से भीगा दो इतना,
कि भर जाए मन,
तनों के फासले जरा मिट जाने दो,
न रोको,
आज मुझे पास आने दो।