आँखें नम ज़रूर हो लेकिन दिल पत्थर हो गया है, जो कभी सोचा न था आज वह हो गया है, आँखें नम ज़रूर हो लेकिन दिल पत्थर हो गया है, जो कभी सोचा न था आज वह हो...
मन की केतली को मैं कभी समय की आँच पर नहीं रखती। मन की केतली को मैं कभी समय की आँच पर नहीं रखती।
जब आंच कोई मुझ पर आये, बनकर ढाल खड़ी हो जाये। जब आंच कोई मुझ पर आये, बनकर ढाल खड़ी हो जाये।
सच में रमते देवता झूठ में बसे चंडाल। सच बोले ज्ञानी बने झूठ बोले बने मूढ। सच में रमते देवता झूठ में बसे चंडाल। सच बोले ज्ञानी बने झूठ बोले बने मूढ।
अपनों को कोई आंच न आए इसलिए खुद ढाल बन जाती है। अपनों को कोई आंच न आए इसलिए खुद ढाल बन जाती है।
तभी नजर पड़ी जलते अलाव में, जहाँ हल्की आंच में पक रहे थे आलू, तभी नजर पड़ी जलते अलाव में, जहाँ हल्की आंच में पक रहे थे आलू,