अपनों की भीड़ में भी अक्सर अपनों की भीड़ में भी अक्सर
मेरे मयख़ाने में हर मर्ज़ का इलाज़ शामिल है मेरे मयख़ाने में हर मर्ज़ का इलाज़ शामिल है
वो मुझसे बिछड़कर भी मेरे ही शहर के अंदर रहा, मेरे ही इर्दगिर्द मेरा हादसा बनकर कहर में वो मुझसे बिछड़कर भी मेरे ही शहर के अंदर रहा, मेरे ही इर्दगिर्द मेरा हादसा बनकर...
वो दर्द का मर्ज बनना चाहते हैं, और हम उस दर्द में ही जीना चाहते हैं! वो दर्द का मर्ज बनना चाहते हैं, और हम उस दर्द में ही जीना चाहते हैं!
मुकद्दर की किस अदालत में करें सिफारिश तुम्हारे लिए जब गुनाह भी तुम, सजा भी तुम...! मुकद्दर की किस अदालत में करें सिफारिश तुम्हारे लिए जब गुनाह भी तुम, सजा भी तु...
ये इश्क़ तो इश्क़ है इश्क़ से बड़ा मर्ज़ क्या है। ये इश्क़ तो इश्क़ है इश्क़ से बड़ा मर्ज़ क्या है।