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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Inspirational

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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Inspirational

मां की महिमा

मां की महिमा

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धरती पर कदम कदम पर जो साथ रहे , 

वो होती है मां तो कभी वह धरती मां 

भगवान का आशीर्वाद हर पल हमारे लिए,  

वो होती है मां और धरती मां

गिले मैं खुद सो कर जो हमको सूखे में सुलाये, वो होती है मां, 

खुद भूखी रहकर हमारा पेट भर दे , वो होती है मां,

अपने दुख दर्द को छुपा कर हमारी झोली खुशियों से भर दे, वो होती है मां,

अपने सपनों को भुला कर, अपने पति और अपने बच्चों के सपनों को अपना बना ले, वो होती है मां,

9 महीने अपनी कोख में रखकर अपनी भूख प्यास को भूल जाए , वो होती है मां,

असहनीय दर्द को झेल कर मौत से खेल कर हमें जीवन देती है, वो होती है मां,

हमारी छोटी सी मुस्कान को देखकर अपने हर दुख दर्द को भुला दे, वो होती है मां,

हम भूखे हैं, हम दुखी हैं, हम धोखा खा कर आए हैं, बिना बताए समझ जाए, वो होती है मां,

हमें सुधारने के लिए और हमारा भविष्य बनाने के लिए, अपने दिल पर पत्थर रखकर हम पर हाथ उठाए, वो होती है मां,

अपने आंसू छुपा कर हमारे आंसू पोंछ दे, वो होती है मां,

क्या लिखूं मां के बारे में धरती और आकाश का समावेश होता है, वो होती है मां,

पूरे ब्रह्मांड की सबसे खूबसूरत और पूरे ब्रह्मांड को अपने अंदर समा ले, वो होती है मां,

ब्रह्मा- विष्णु -महेश और सरस्वती -लक्ष्मी- दुर्गा का रूप होता है जिसके अंदर, वो होती है मां,

क्या लिखूं मां के बारे में भगवान भी जिसको शीश नवाए, वो होती है मां,

जिसकी महिमा लिखने को शब्द भी कम पड़ जाए शब्दकोश हो जाए खाली, वो होती है मां ।।



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