STORYMIRROR

Manju Saini

Inspirational

4  

Manju Saini

Inspirational

कमाल लेखनी का

कमाल लेखनी का

2 mins
272

मेरी लेखनी के रूप देखो कैसे कैसे सजते हैं

कवि के हाथ आये तो शब्दरूप ले बयां होती हैं

उसके भीतर के जज्बात कागज पर उकेर देती हैं

हूबहू जो मैं कहना चाहती लेखिका लिख देती हैं


इतिहास को पटल पर रख सामने सभी के

अतीत के पन्ने पलटती स्वयं का रूप दिखाती हैं

वैसे ही जैसे काल का ग्रास बना हो समय

उसी रूप में समक्ष प्रस्तुत करती नजर आती है

        

अफसरों के जेबों में आ जाये तो

लिखती है कमाल वही जो चाहे सिर्फ वही

गलत या सही जैसे उसको दी जाती है धार

अफसर की कलम देखो कैसे कैसे चलती हैं


प्रेमी से हाथ आये तो उसका इश्क लिखती है 

इश्क़ के प्रेमपत्रों को देती जान शब्दो मे प्राण

करती है प्रेमिका को लालायित प्रेम जाल के लिए

युगल को देती सम्बल पत्र रूप में शब्दों के द्वारा


देश के दीवानों के हाथ आये तो लिख जाती हैं

वीरो की शहादत अपनी नुकीली नोंक की धार से

कह जाती हैं वीरो जी गाथा अमर करती व्यथा

कह देती हैं इंकलाब माँ भारती को प्यार,बलिदान


शिक्षक के हाथ आये तो बनाती भविष्य देश का

नोनिहालों को संवारती देश की खातिर

लिख देती है भविष्य छात्र का शिक्षक रूप में

देखो मेरी कलम करती हैं कमाल हर क्षेत्र में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational