Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Antariksha Saha

Inspirational

4  

Antariksha Saha

Inspirational

कुछ जरुरी बातें

कुछ जरुरी बातें

2 mins
383


बचपन की बात ही कुछ अलग थी

वह बेफीकरी वो होशियारी

वो बाबा की पीठ पर बैठ के सैर

वो ख्वाब जिनमें कोई वास्तविकता नहीं

वो मेले जिनमें सब बिकते है

पर वो पल नहीं मिलते आज


डरने पर माँ की आँचल पे छिपना

आज वो नसीब कहा होती है

आंसू गिरने से पहले

पोंछ लिए जाते थे 

भूख से नाता पुराना है

आज मायने बदल गए बस


बचपन के वो पल

लगता है हुआ है कल

मीठी सी मुस्कान जो सब से

हसीन वो थी माँ की मुस्कान

किसी और में वो बात कहा

मार में भी एक प्यार था

उन झप्पीयों में गम भूलने की पुड़िया होती थी

रात को वो कहानियाँ

दादी की वो भुला कर के खिलाना


वो खुली किताब जिसमें ज़माने ने जहर डाल दिया

दोस्ती का हाथ सब को बढ़ाया था

सुख में सब है दुख में कोई नहीं

सरल होना होना आज मूर्खता की निशानी है

जिनसे हमने गुलिस्ता बनाया था

वो ही अपना उल्लू सीधा करने पर आमादा थे


अभी कोई हमदर्दी दिखाए तो शक की नज़र से देखते है

हर कोई पैसे से पहचानते है

कोई अपना नहीं स्वार्थ के बिना

दोस्त तब तक है जुगनू की भाती

जब तक दिए में लौ जल रही है


खुदा कही तमाशबीन बैठे हुए है

अपने बन्दों की हिफाज़त कहा कर रहा है

भला आदमी सारी ज़िन्दगी जूझता रहता है

हालत से ऑफिस में बॉस से घर पे बीवी से

बाहर का गुस्सा घर पर


बचपन के वो दिन ही अच्छे थे क्यों बड़े हुए

आज वही सोचते रहते है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational