छोड़ मुझे खुश रहने दे अपनी चार दीवारी में। छोड़ मुझे खुश रहने दे अपनी चार दीवारी में।
इतना बड़ा दिल जाने कहां से लाती है ? "माॅं" है ना शायद बचपन से ही बड़ी होती है ! इतना बड़ा दिल जाने कहां से लाती है ? "माॅं" है ना शायद बचपन से ही बड़ी होती ह...
हाँ, मैं आज की नारी हूँ, मैं बदल रही हूँ। हाँ, मैं आज की नारी हूँ, मैं बदल रही हूँ।
तुम सब कुछ कर सकती हो कब अपने अंदर यह विश्वास जगाओगी। तुम सब कुछ कर सकती हो कब अपने अंदर यह विश्वास जगाओगी।
आज भी मन करता है वापस दो चोटी बनाए । बच्चे बन स्कूल को हम जाएं। आज भी मन करता है वापस दो चोटी बनाए । बच्चे बन स्कूल को हम जाएं।
दूजे को गड्ढे में डालो यह सब अब रहने दो जी। दूजे को गड्ढे में डालो यह सब अब रहने दो जी।