Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

नारी शक्ति

नारी शक्ति

1 min
579


बेबस व्यथित बेहाल होकर नारी क्यों बिलखती

लज्जा गंवाकर नारी क्यों मन ही मन सिसकती


बलिदानों की प्रतिमा नारी क्यों हो गई कमजोर

भरा हुआ क्यों विष का प्याला उसके चारों ओर


प्रसव पीड़ा को सहने वाली क्या क्या वो सहेगी

क्या उसकी झोली सदाकाल दुखों से भरी रहेगी


नव दुर्गा का प्रतीक है नारी शौर्य जिसमें समाया

फिर क्यों नारी को हमने इतना कमजोर बनाया


पद्मिनी, लक्ष्मी और सीता गवाही आज भी देती

धर्म की रक्षा के लिए नारी प्राण आहुत कर देती


वस्तु नहीं तूँ वासना की कर खुद की तूँ पहचान

जीवन हो महाजीवन तेरा समझाते तुझे भगवान


निष्प्राण हुई सृष्टि का करना तुझको नव निर्माण

अपनी प्रतिभा का देना है संसार को तुझे प्रमाण


अपने मनोबल को हिमालय से भी ऊंच बनाओ

अपनी दिव्यता की किरणे सारे विश्व में फैलाओ


मातृ रूप धरकर सबको तुम अमृत पान कराओ

भारत देश का खोया हुआ मान फिर से दिलाओ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract