मर्दानी
मर्दानी
"इज्जत करलो इसकी तो ये जन्नत बड़ी सुहानी है,
बे इज्जती नही सहेगी क्यों कि ये मर्दानी है।"
"भगवान भी कापता था जब बनती माँ काली ये,
दानवों को चीर दिया शक्ति ये बलशाली है।"
"एक वक्त पर माँ बेटी बहन कितने किरदार निभाती ये,
क्यों पवित्रता सिद्ध करने आग में जल जाती है।"
"जो सास ले रहे हो भिक में ये उसके कोक की मेहरबानी है,
अब भी इज्जत करलो ये जन्नत बड़ी सुहानी है।
सोता हूँ में अब भी पर उस आँचल सी नींद कहा आनी है,
ओर ना आया वक्त पर घर तो नींद उसकी उड़ जानी है।
खाए उसका मुन्ना इसलिए भूखी वो सो जाती है,
खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है।
