मन तितली सा चंचल
मन तितली सा चंचल
इस फूल कभी उस फूल,
मन तितली सा चंचल,
आकर्षण के केंद्र बिंदु,
मोह सदृश पुष्प दल।
कलियों पर मंडराए,
मन तितली हाथ न आए,
करूँ मैं कौन उपाय,
कोई मुझे सुझाए।
रंगीन सपनों में खोए,
दूर अपनों से रोए,
यह आसमान का पंक्षी,
पकड़े कैसे कोए।
मन बच्चे को दौड़ाए तितली,
तन कच्चे को आजमाए तितली,
रंग बिरंगे रूप दिखलाए तितली,
मेरे मन को भरमाए तितली।