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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Abstract

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

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तितली

तितली

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बच्चों बड़ों सभी को तो भाया करे तितली

हर रोज़ बगीचे में तो आया करे तितली


रंगीन पंख इसके तो सबकी पसंद है

हाथों में किसी के भी न आया करे तितली


न जाने किसकी खोज में दौड़ा करे हरदम

इस फूल से उस फूल पे जाया करे तितली


जाति धर्म से दूर ये सबको ही प्यारी है

उड़कर हरम से दैर को जाया करे तितली


कितने परागकणों को होठों में दबा के

इस बाग से उस बाग लेे जाया करे तितली


मन की उदास गलियों में खुशियां भरे सदा

ज़ीनत हरेक दिल को लुभाया करे तितली।


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