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Pratima Gupta

Abstract

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Pratima Gupta

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प्यार के रंग हज़ार

प्यार के रंग हज़ार

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होठों से कुछ ना बोल कर

चुपके से तेरा मुस्कुरा देना

बिना कुछ बोले 


मेरे लिए मेरी पसंद की

मिठाई लाकर

चुपके से रख देना

वो गुस्से में मेरे कुछ भी बोलने पर

चुपचाप सुन कर मुस्कुरा देना


बच्चों को कभी कभी खुद तैयार कर देना

बड़ों की डांट सुनने से कभी बचा लेना

किचन में काम करते देख 

चुपके से मेरी मदद कर देना


आपके इस अनकहे प्यार पर

हम कुर्बान।


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