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Tarundeep singh Manchanda

Others

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Tarundeep singh Manchanda

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मासूमियत के मायने

मासूमियत के मायने

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मासूमियत महज़ एक अल्फाज़ नहीं है

यह इन्सान का सबसे बेशकीमती गहना है

इसकी बुनियाद से ही रिश्ते जीवन में एक नई जगह बनाते है

और जीवन को एक नई राह प्रदान करते है


चेहरे पे हल्की मुस्कान साथ जुड़े लोगों को ज़िन्दगी जीने की चाह देती है

नई उमंग को जन्म फिर एक बार दे जाती है

किसी के जीवन में मुस्कान लाने में यह सबसे पहली सीढ़ी बनती है

क्योंकि मुस्कान सिर्फ कहने से नहीं बल्कि अपनेपन के एहसास से ही पनपती है


तुझे जो पसंद है तू वो रंग अपने जीवन में उतार सके

और रंगों की दुनिया में बेखौफ अपना पहला कदम बढ़ा सके

इस खूबसूरत पहलू से हर वो एहसास मुमकिन है जो एक ख़ाली कमरे का हिस्सा था

ये कमरा एक ताले का मोहताज बन चुका था जिसकी चाबी हाथ में होकर भी हाथ में नहीं थी

कमरा फिर एक दिन खुला और आज़ाद हुआ वो एहसास जो वर्षों से क़ैद था


महज़ आधे इंच के अल्फाज़ में वो बेशुमार ताकत है

जिसके परिचय किसी के भी जीवन में खुशहाली ला सकता है

पर आज भी इस लफ्ज़ के एहसास को ग़लत निगाहों से देखा जाता है

की ये तो सिर्फ इन्सान को कमज़ोर बनाता है जो इस लफ्ज़ को अपने जीवन में उतारता है

पर वो यह भूल जाते है कि ये तो इन्सान के जीवन का वो सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जिसकि कोई सानी नहीं है

ये तो इन्सान को सिर्फ मज़बूत बनाता है और ना ही कमज़ोर शब्द से इसका तिरस्कार करता है


मुझे इसके मायने तो पता थे पर लोगों के तानों से कहीं दब चुके थे

फिर से ढूंढने वो दबे एहसास को मेरे कदम आगे बढ़ चुके थे

एक दिन सुबह ने मुझ में एक रोशनी भरी की छोड़ उन बातों को जो तुझे तेरे जीवन से अलग कर दे,

और तुझे किसी गुमनाम रास्ते पर अग्रसर कर दे

सोच लिया था की लोगों की बातों को पीछे छोड़ दूंगा

और जिंदगी के इस पहलू को समझने का हसीन मोका फिर एक बार दूंगा

जब हुआ आगमन तुम्हारा मेरे जीवन में

एक अलग उर्जा ने कर दिया उजाला जीवन में


कोमल रूह की तरह तू जीवन में आया है और हर मुश्किल का हल अपने साथ लाया है

रब के बंदे से मुलाकात हो गई है

जिसने ज़िन्दगी जीने की एक नई चाह फिर से बांध दी है

खुशियां तुझे तेरे जीवन में बेपनाह मिले

क्योंकि तू जो कर रहा है उसका कोई दूसरा रूप नहीं है


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