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Sachhidanand Maurya

Abstract

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Sachhidanand Maurya

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हिमालय पे दिखे शिव की जटा

हिमालय पे दिखे शिव की जटा

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प्रदूषण का नकाब हटा है,

दिखी दुल्हन की सुंदर घटा है,

दिख गया दूर से दृश्य कैसा,

हिमालय पे दिखे शिव की जटा है।


सन्देश यही चक्षु पट खोल,

धरा रंग में विष न घोल,

मानव तेरा वजूद प्रकृति,

अद्भुत अद्वितीय अवनी अनमोल।


ले प्रण स्वच्छ वायु का,

ध्वनि मृदा जल दीर्घ आयु का,

प्रकृति शरण सुलभ सब,

वैद्य कथन यह शतायु का।


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