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Amardeep Jha

Tragedy

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Amardeep Jha

Tragedy

प्यारी गौरैया

प्यारी गौरैया

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कभी पेड़ों पर चहकती थी

कभी आंगन में फूदकती थी !

सिर्फ यादो के झरोखो से

मधुर संगीत सुनाती थी!!


अब तो प्यारी वो यादें हैं

जो बस अवशेष रह गयी है!

ना वो मुंडेर रह गया है

ना वो आंगन रह गया है !!


माँ ने गुड़िया को सुनायी

एक गोरैये की कहानी है!

केसी होती है गोरैयाँ

जो गाती गीत सुहानी है!


गुड़िया मुस्काकर बोली

माँ गोरैयाँ तो दिखलाओ!!

कहानी की जो वास्तविकता है

उसको तुम बतलाओ!!


गुड़िया के प्रश्नो पर

माँ का दर्द छलक आया!

माँ ने गुड़िया को खेतों में

लगा टावर है दिखलाया!!


बैठा है इसमे एक

वो कृतिम दरिंदा !

जिसने छीना है हमसे

हमारा प्यारा परिंदा!!


अगर गौरेये को बचाना है !

तो इस दरिंदे को मिटाना है !!

वरना केवल कहानी में

रह जाएगीं ये गौरेया!


तब गुड़िया की सवालों का

कैसे उत्तर देगी ये दुनिया!!


कभी पेड़ों पर चहकती थी

कभी आंगन में फूदकती थी !

सिर्फ यादों के झरोखों से

मधुर संगीत सुनती थी!!


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