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Amardeep Jha

Tragedy

4.3  

Amardeep Jha

Tragedy

प्यारी गौरैया

प्यारी गौरैया

1 min
474


कभी पेड़ों पर चहकती थी

कभी आंगन में फूदकती थी !

सिर्फ यादों के झरोखों से

मधुर संगीत सुनती थी!!


अब तो प्यारी वो यादें हैं

जो बस अवशेष रह गयी है!

ना वो मुंडेर रह गया है

ना वो आंगन रह गयी है !!


माँ ने गुड़िया को सुनायी

एक गोरैये की कहानी है!

कैसी होती है गोरैयाँ

जो गाती गीत सुहानी है!


गुड़िया मुस्काकर बोली

माँ गोरैया तो दिखलाओ!!

कहानी की जो वास्तविकता है

उसको तुम बतलाओ!!


गुड़िया के प्रश्नों पर

माँ का दर्द छलक आया!

माँ ने गुड़िया को खेतों में

लगा टावर है दिखलाया!!


बेठा है इसमे एक

वो कृतिम दरिंदा !

जिसने छिना है हमसे

हमारा प्यारा परिंदा!!


अगर गौरेये को बचाना है !

तो इस दरिंदे को मिटाना है !!

वरना केवल कहानी में

रह जाएगीं ये गौरेया!


तब गुड़िया की सवालों का

कैसे उत्तर देगी ये दुनिया!!


कभी पेड़ों पर चहकती थी

कभी आंगन में फूदकती थी !

सिर्फ यादों के झरोखों से

मधुर संगीत सुनती थी!!


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