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Deepali Mathane

Tragedy

3  

Deepali Mathane

Tragedy

दिल का अफसाना

दिल का अफसाना

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दिल बंद बंद सा है

अरमान हैं बुझे-बुझे

आके कोई खोले जरा

दिल में सिमटे मुझे-मुझे


     मन का आँगन सुना है

     दिल की गलीयाँ खोयी हैं

     झाँके कोई गलियारों में

      हर आँख भरके रोयी हैं


उदासी की परछाईंयाँ

लिपट सी गयी तन-मन को

एक आशा की किरण से

जगमगा डालो मन भावन को.


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