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Deepali Mathane

Tragedy Inspirational

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Deepali Mathane

Tragedy Inspirational

अच्छा लगता है

अच्छा लगता है

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वो खुशियों का जहाँ बसाया जो हमने

उसमें ही हर पल जीना अच्छा लगता हैं।

 

कुछ तरसती सुनहरी घड़ियों को रख के सिरहाने

ज़िंदगी से परे ख़्वाबों में सजाना अच्छा लगता हैं।


लमहा-लमहा टूटता-बिखरता ज़िंदगी में

समेट के वो दर्द भरा पल भी अब अच्छा लगता हैं।


जो भी महसूस होती शिकायतें हैं ज़िंदगी में

अदब से उन्हें सराहना भी अब अच्छा लगता हैं।


बीत गयी ज़िंदगी कुछ ज्यादा ही समझदारी में

खुद को अब बेवकूफ समझना भी अच्छा लगता हैं।



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