बेटे ! अब तुम हमको भूल गए! पता नहीं किस दुनियाँ में यूँ तुम उलझ गए !! मुड़ के भ बेटे ! अब तुम हमको भूल गए! पता नहीं किस दुनियाँ में यूँ तुम उलझ गए !...
कुछ ना बोला कभी मैं उसे जो मेरे दिल में था कुछ ना बोला कभी मैं उसे जो मेरे दिल में था
माँ शब्द में ममता है, उसमे हर दिन रमता है। माँ शब्द में ममता है, उसमे हर दिन रमता है।
मेरे देश में अज़ीब ये रिवाज़ है, प्रेम इबादत ना बना व्यापार है। मेरे देश में अज़ीब ये रिवाज़ है, प्रेम इबादत ना बना व्यापार है।
इसी बहाने इन तरसती राहों को भी तुम्हारा दीदार मिल जायेगा इसी बहाने इन तरसती राहों को भी तुम्हारा दीदार मिल जायेगा