तरसती निगाहें।
तरसती निगाहें।
तरसती निगाहें तेरे ही प्यार में,
तरसती निगाहें तेरे इंतज़ार में।
तरसती निगाहें दिल बेताब है,
तुम ही मेरे चाँद आफ़ताब हो।
क्यों तुम्हें अभी भी ऐतराज़ है,
लगता तुझे पसंद धोखेबाज़ है।
मेरे देश में अज़ीब ये रिवाज़ है,
प्रेम इबादत ना बना व्यापार है।
अब प्यार घृणा का बना द्वार है,
प्यार खेलने का ज़रिया यार है।
ज़िन्दगी का ये सफ़र दुश्वार तो,
जीना ही साँस जब तक यार है।