वो लम्हा
वो लम्हा
मुस्कराकर देखती थी वो मुझे,
हर पल याद आती थी वो मुझे
कुछ ना बोला कभी मैं उसे जो मेरे दिल में था
वो तरसती थी उसे सुनने को जो मेरे दिल में था
मुस्कराकर देखती थी वो मुझे,
हर पल याद आती थी वो मुझे
कुछ ना बोला कभी मैं उसे जो मेरे दिल में था
वो तरसती थी उसे सुनने को जो मेरे दिल में था