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Sana K S

Abstract

3  

Sana K S

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नयी पायल...

नयी पायल...

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सुनो ना...

देखो... मैंने नयी पायल खरीद ली है...

तुम कहते थे ना कि, तुम्हें मेरे पैरो की पायल बहुत भाती है...

हाँ... आखिरकार मैंने खरीद ही ली है...

थोड़े - ज्यादा पैसे जोड़-जोड़ कर खरीदी है...

क्योंकि, तुम्हें मेरे पैरो के पायल की छनकार सुनने की आस थी...

हाँ... तुम आ जाओ एक बार...


अरे! मुझसे मिलने नहीं बुला रहीं हूँ...डरो मत...

तुम सिर्फ पायल की छनकार सुन के चले जाना...

इसी बहाने इन तरसती राहों को भी तुम्हारा दीदार मिल जायेगा...

हाँ.. कहती हैं ये मुझसे...जब तुम मुझसे मिलने आया करते थे ना...

तब ये भी तुमसे मुहब्बत किया करती थी...

देखो ... तुम नाराज तो मुझसे हो ना...

इन्होंने तो कुछ नहीं बिगाड़ा तुम्हारा...

आकर इन्हीं से मिल कर लौट जाना....

मैं तुम्हें नहीं रोकूँगी...वैसे भी पहले भी कहाँ रोक पायी थी....

चले ही जाना.....



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