बेटे ! अब तुम हमको भूल गए! पता नहीं किस दुनियाँ में यूँ तुम उलझ गए !! मुड़ के भ बेटे ! अब तुम हमको भूल गए! पता नहीं किस दुनियाँ में यूँ तुम उलझ गए !...
मना कर रही पड़ी बेबस, रहने दो बेजान पड़ी बूढ़ी माँ यू बिलख रही है, लादे मेरा लाल कोई। मना कर रही पड़ी बेबस, रहने दो बेजान पड़ी बूढ़ी माँ यू बिलख रही है, लादे मेरा लाल...
कल मालिक ने उसे यहां बांधा था रात से कुछ खाया भी नहीं था कल मालिक ने उसे यहां बांधा था रात से कुछ खाया भी नहीं था
डर के ताले जिनके पीछे कैद हैं विश्वास और निश्चिंतता। डर के ताले जिनके पीछे कैद हैं विश्वास और निश्चिंतता।
सड़क किनारे खड़ी वो औरत बूढ़ी थी लाचार थी झुकी कमर दुबला बदन मुझे लगती वो बीमार थी। सड़क किनारे खड़ी वो औरत बूढ़ी थी लाचार थी झुकी कमर दुबला बदन मुझे लगती...
उन बूढ़ी आंखों की झुर्रियां आज मुझे साफ़ दिख रही थीं! उन बूढ़ी आंखों की झुर्रियां आज मुझे साफ़ दिख रही थीं!