बेकरार दिल
बेकरार दिल
हुस्न-ए-तबस्सूम का
छाया ऐसा ख़ूमार है।
दिल-ए-आशिकी से हर
साया गुलज़ार है।
हसींन साअ़तों का
दिल को हर पल इंतज़ार है।
कलमा मोहब्बत का लिखनें को
ये दिल बेकरार है।
हुस्न-ए-तबस्सूम का
छाया ऐसा ख़ूमार है।
दिल-ए-आशिकी से हर
साया गुलज़ार है।
हसींन साअ़तों का
दिल को हर पल इंतज़ार है।
कलमा मोहब्बत का लिखनें को
ये दिल बेकरार है।