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Prem chandra Tiwari

Tragedy Inspirational Others

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Prem chandra Tiwari

Tragedy Inspirational Others

आदमी ख़ुद परेशान है

आदमी ख़ुद परेशान है

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आदमी ख़ुद परेशान है

अपने सपनों से हैरान है

ख़ुद में हिम्मत बहुत है मगर

अपनी हिम्मत से अनजान है


दूसरों को सफल देखकर

खोजता है नये रास्ते

जो मिला है वो कम लग रहा है

और पाने का अरमान है


आज तक मुफ़्त क्या मिल सका?

अपनी मेहनत ही काम आ रही है

लक्ष्य इतने बड़े हो गये कि

ज़िन्दगी में घमासान है


कुछ क़दम दूर मंज़िल खड़ी है

लौट जाने की ज़िद हो गयी

ख़ौफ़ छाया हुआ है नज़र में

कितना मासूम इंसान है


ख़ुद में हिम्मत बहुत है मगर

अपनी हिम्मत से अनजान है



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