कयामत है तुम्हारी हर अदा
कयामत है तुम्हारी हर अदा
क़यामत है तुम्हारी हर अदा कुछ सम्हलकर चलना
बगावत कर रही है हर अदा कुछ सम्हलकर चलना
तुम्हें भगवान ने फुर्सत से ढाला है, निखारा है
हुकूमत कर रही है हर अदा कुछ सम्हलकर चलना
न जाने कौन सी मिट्टी लगाई है खुदाया ने
सलामत रहे तेरी हर अदा कुछ सम्हलकर चलना
गज़ब का रूप देकर प्रकृति ने तुमको उतारा है
पागल कर रही है हर अदा कुछ सम्हलकर चलना।