सफ़र सुहाना
सफ़र सुहाना
धूल किताबों से उड़ा देना,
एक नज़र कलम पर डाल लेना,
अगर हो सके तो इतना करना,
कि मेरे कमरे मे एक दिया जला देना,
जहाँ है सनाटा एक अरसे से,
वहाँ कोई धुन वीर रस की चला देना,
हार गए तो क्या गम,
सुहाने सफर की आदत डाल लेना।
