मंज़िल
मंज़िल
एक रास्ते में मिले थे हम दोनों,
एक मंज़िल तक का वास्ता था,
जहाँ जाते थे कदम तेरे,
मेरा उसी जगह से राबता था।
एक रास्ते में मिले थे हम दोनों,
एक मंज़िल तक का वास्ता था,
जहाँ जाते थे कदम तेरे,
मेरा उसी जगह से राबता था।