STORYMIRROR

Shant Gautam

Others

3  

Shant Gautam

Others

लफ़्ज़ों का खेल

लफ़्ज़ों का खेल

1 min
208

जो कम पड़ गए आज बयाँ करने को, कभी इन्ही लफ़्ज़ों से मुझे हराया था, 

मेरे हालात मुझे यहाँ तक ले आए, तुमने तो समंदर के किनारे एक रेत का घर बनाया था। 


Rate this content
Log in