अंज़ाम
अंज़ाम
कितना चलुं तेरी राह पर मै, ख़ुद के निशान भूल जाऊँगा
है फ़िक्र तुझे मेरी तो जता तो सही, यूँ ख़ुद से दूर मैं हो जाऊँगा
रहा भटकता दर -बदर तेरे साये के पीछे, अंजाम दिखा कभी तो बदनाम हो जाऊंगा।
कितना चलुं तेरी राह पर मै, ख़ुद के निशान भूल जाऊँगा
है फ़िक्र तुझे मेरी तो जता तो सही, यूँ ख़ुद से दूर मैं हो जाऊँगा
रहा भटकता दर -बदर तेरे साये के पीछे, अंजाम दिखा कभी तो बदनाम हो जाऊंगा।