आज़ादी
आज़ादी
कैसे भूलूं इस देश का इतिहास क्या है,
राणा सांगा याद है, महाराणा प्रताप याद है,
कैसे भूल जाऊँ की जीत और हार से परे इच्छा शक्ति और अदम्य साहस की बात क्या है,
झाँसी की लक्ष्मी भी याद है, तो बिरसा मुंडा की गुरीला दहाड़ भी याद है,
भूलना भी चाहो तो नहीं भूल पायोगे गदर् पार्टी के अख़बार की मुख्य पंक्ति याद है,
काकोरी कांड भी याद है तो राम प्रसाद और अशफ़ाक़ की दोस्ती भी याद है,
हाँ चाहो तुम पकड़ना आग को पर पकड़ नहीं पायोगे आज़ाद को वही चंद्रशेखर आजाद भी याद है,
उम्र की परवाह किसे थी वो 23 साल की उम्र बता गयी इस देश का खून से लिखा इतिहास याद है,
जिस शक़्स ने सिखाया था सत्याग्रह का मतलब, वो खादी की पहचान वाला महात्मा याद है,
और खून मांग के आज़ादी दिलाने वाले हाँ नेताजी बोस भी याद है,
तुम भूल जायो या याद रखो ये इतिहास गवाह है,
आज़ादी भीख मे नहीं मिली, इसके पीछे मेरे देश के वीरों का हाथ है।