शिकायत और रिश्ता
शिकायत और रिश्ता
हमेशा मेरी गलतियों से मुझे रूबरू कराते हो
कभी मेरी अच्छाइयों पर भी नजर डालो ना
और जितना तुम कहते हो क्या सच में
इतना बुरा हूं मैं कभी अपने दिल से
यह सवाल पूछोना ???
मैं कुछ मांगता तो नहीं तुमसे
सिवाय तुम्हारे वक्त के
महंगाई के इस जमाने में अब तुम्हारे
वक्त भी खरीदने होंगे क्या ??
गुनाह अगर मैंने की है तो
गलतियां तुमने भी करी है
चलो अब छोड़ो
यह शिकवा शिकायतें
के अब जैसा तुम चाहते हो वैसा ही होगा
रिश्तो में यह दूरी बरकरार रहेगा
बस अब कही सुनी माफ करना
हम जा रहे हैं हमें बस जाने देना !!!

