STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

मौन

मौन

1 min
15

सबसे बड़ा हथियार

चुप रहने की तलवार


मिटाता देता है, विकार

यह मौन रूपी, व्यवहार


मूर्ख ही आ रहे, नजर है

तब चुप रहना बेहतर है


जब फंसे हो, मकड़जाल

मौन रहो, निकलेगी राह


चहुँओर से हो रही हो, हार

तब मौन ही करे, चमत्कार


सूखे में ला देता है, बहार

मौन सावन की है, फुंहार


परिश्रम करो, मौन रहकर

होगा, हर ख्वाब साकार


जो मौन को करे, दरकिनार

उनके मान का मिटे, आधार


मौन ही है, जीवन का, सार

मौन मिटाये, घट अंधकार


जब फंसे हो, बीच मंझधार

थाम लो, मौन रूपी तलवार


जिसने थामी, मौन तलवार

उसने पाया साहिल, हरबार।


ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

Similar hindi poem from Drama