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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

जन्मदिन महाराणा प्रताप का

जन्मदिन महाराणा प्रताप का

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जन्मदिन है, आज हिंदुजा सूरज महाराणा प्रताप का।

जिंन्होने जिंदा रखा, स्वाभिमान मेवाड़ के नाम का।।


जिनके आकर शीश उठाकर चलते, उन्हें करे, प्रणाम।

जिन्होंने नाम ऊंचा किया था, सम्पूर्ण हिन्दू समाज का।।


घास की रोटी भले खाई, पर न झुकने दिया नाम मेवाड़ का।

बहलोल खां को बीच से चीरा, नाम बना दिया उसे इतिहास का।।


उनकी वीरता को नमन, जो प्यारा कूका था, भील समाज का।

जातिवाद के जहर से परे, प्रताप प्यारा था, पूरे मेवाड़ का।।


आज कहां गई, प्रताप की शिक्षा, जिंन्होने मिटाया भेद, में, आपका।

उन्होंने शिक्षा दी, पालन करो, सिर्फ इंसानियत की जात का।।


उनका सेनापति हकीम खां, जो था मुस्लिम धर्म जात का।

जिंन्हो

ने दिखाई वीरता, तब न था, भेदभाव किसी बात का।।


आज भी तलवार के सहित दफन है, वो पूत मेवाड़ का।

उनकी शिक्षा ग्रहण करे, मिटाये अंधेरा साम्प्रदायिक रात का।।


छूकर धन्य हुआ में, तो मेवाड़ धूल तेरी, तुझको छूकर यूं लगता,

आज भी आसपास ही है, साया मेरे महारणा प्रताप का।


सब गर्व करो, आज जन्मदिन, हिंदुजा सूरज महाराणा प्रताप का।

उनके जन्मदिन पर, याद करे, त्याग-बलिदान महाराणा प्रताप का।।


जिंन्होने इतना जीना मुश्किल कर दिया था, मुगल सम्राट का।

उन्हें रात मे स्वप्न में भी चित्र नजर आता था, महाराणा प्रताप का।।


महाराणा प्रताप की मृत्यु पर, मुगल सम्राट भी रोया था।

धन्य है, मेवाडी माटी जिससे निकला, सूर्य हिंदुस्तान का।।


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