STORYMIRROR

Srishty Bansal

Drama

4  

Srishty Bansal

Drama

बेटी की विदाई

बेटी की विदाई

1 min
281

इतने साल से वो थी उनके साथ,

उन्होंने ही थामा था उसका हाथ।

आज अचानक क्यों वो हाथ छूट गया?

आज अचानक क्यों वो साथ छूट गया?


जिस घर में अब तक रही वो,

उसके होने से घर जैसे मुस्कुराता था।

आज अचानक क्यों वो घर रूठ गया?

आज अचानक क्यों उस घर को छोड़ना पड़ गया?


 वो कॉलेज से जब भी आती थी,

मां के हाथ का स्वादिष्ट खाना पाकर दुनिया भूल जाती थी।

आज अचानक क्यों वो स्वाद छूट गया?

आज अचानक क्यों वो हाथ रूठ गया?


उसके बाल्यकाल में पापा उसके लिए,

ढेरों खिलौने व गुड्डे-गुड़िया लाते थे।

आज अचानक क्यों वो बचपन बिछड़ गया?

आज अचानक क्यों चुप रहीं वो गुड़िया?


भाई उसे बहुत परेशान करता था,

पर मन-ही-मन बहुत प्यार भी करता था।

आज अचानक क्यों वो संग छूट गया?

आज अचानक क्यों वो भाई नहीं रो रहा?


अपनी बहन संग वो घर भी संभालती थी,

दोनों बहनें मिलकर खूब गप्पे लड़ातीं थीं।

आज अचानक क्यों चुप है बहना?

आज अचानक क्यों उसे कोई रोक नहीं रहा?


पापा, मैं जा रही दूर, एक बार गले से लगा लो न!

मां, बहुत रो रही हूं, एक बार अपनी गोद में सुला लो न!

भाई, देख जा रही हूं, एक बार "बहना" कहकर पुकार ले न!

बहन, जा रही हूं मैं, सबका ध्यान रखना! 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama