वो "समंदर" ही क्या..
वो "समंदर" ही क्या..
वो "समन्दर" ही क्या,
जो "तैरना" न सिखाए।
वो "वक्त" ही क्या,
जो हालात से "लड़ना" न सिखाए।
वो "आसमान" ही क्या,
जो "उड़ना" न सिखाए..
और वो "ज़िंदगी" ही क्या,
जो "मरना" न सिखाए!
वो "समन्दर" ही क्या,
जो "तैरना" न सिखाए।
वो "वक्त" ही क्या,
जो हालात से "लड़ना" न सिखाए।
वो "आसमान" ही क्या,
जो "उड़ना" न सिखाए..
और वो "ज़िंदगी" ही क्या,
जो "मरना" न सिखाए!