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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"शरद पूर्णिमा"

"शरद पूर्णिमा"

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समुद्र मंथन से जब मां लक्ष्मी प्रकट हुई

वो शुभ घड़ी, जगत में शरद पूर्णिमा हुई

आज मां लक्ष्मी का जन्मोत्सव मनाते है

ओर बदले में मां से ढेरों वरदान पाते है

आज माँ लक्ष्मी उल्लू पर सवार होकर

खोल देती है, अपने खजाने का लॉकर

जो भी मां को याद करे हृदय से रोकर

वो जिंदगी में कभी नहीं खाता है, ठोकर

जब रात १२ बजे घड़ियों की सुइयां हुई

तब वो शुभ घड़ी, शरद पूर्णिमा की हुई

आज खीर बनाकर, उन्हें भोग लगाते है

जो इस सृष्टि के पालनहार कहलाते है

फिर खीर खुले आसमां तले रख जाते है

इस खीर में चन्द्रदेव अमृत बरसाते है

इस दिन चंद्रमा की कुछ ऐसी गति, हुई

उसकी कक्षा धरती माँ के निकट, हुई

जिससे चंद्र से उन तत्वों की वर्षा हुई

जिससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हुई

जो आज बनी खीर छत पर रख जाते है

फिर उसे खाते, अच्छा स्वास्थ्य वो पाते है

यह बात वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध हुई

इन रीति-रिवाजों में वैज्ञानिकता छिपी हुई

आओ अपनी संस्कृति का संरक्षण करे,

हिंद संस्कृति में सदा सत्य की जीत हुई



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