"मेरे चारभुजानाथ"
"मेरे चारभुजानाथ"
मेरे बीगोद चारभुजानाथ तेरी माया अपरम्पार।
दुनिया में छाया हुआ हर जगह तेरा चमत्कार।।
आया हूं शरण, रख ले भगवन मुझे अपने चरण।
आप हो पत्तित तपावन, करते पत्तितों का उद्धार।।
आपकी जय हो, सारे ब्रह्माण्ड के आप तारणहार।
आपने रखते हो, अपने भक्तों की लाज, हरबार।।
सच्चा है, मेरे चारभुजानाथ प्रभु आप का दरबार।
जो आया वो कभी खाली हाथ न गया, तेरे दरबार।।
मैं तो हूं एक अंधेरा, आप हो प्रभुजी एक सवेरा।
मुझे भी दे दे, प्रभु अपनी भक्ति रोशनी एकबार।।
सबका कल्याण कर, मेरे दिल में सत्य रोशनी भर।
मुझसे न हो किसी का बुरा, ऐसा बना दे, समझदार।।
भक्ति करूँ, निर्मल मन से, न बनूं छद्म कलाकार।
ऐसा मेरे चारभुजानाथ मुझे वर दे, कर दे उपकार।।
मेरे बीगोद चारभुजानाथ तेरी माया अपरम्पार।
दुनिया मे छाया हुआ हर जगह तेरा ही चमत्कार।।