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Sonali Ghosh

Drama Inspirational

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Sonali Ghosh

Drama Inspirational

चलो आज फिर से जी लेते हैं |

चलो आज फिर से जी लेते हैं |

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कुछ ज़माने हो गए हैं सुकून के पलों को जगाये हुए,

बेवकूफी में की हुई छोटी छोटी गलतियों को

किसी अपने से बताये हुए।

जो फिर से मिले है हम आज अनजान रास्तों में

कुछ यूँ ही,

तो क्यों न किसी टपरी पे बैठकर थोड़ी गरम

चाय पी लेते हैं,

अगर तुम बुरा ना मानो तो ए दोस्त चलो आज

फिर से जी लेते हैं।


हाँ मानती हूँ बिलकुल सही बात है, जहाँ दोस्ती है

वही प्यार है,

कभी साथ निभाने से इंकार है तो कभी साथ रहने

का इकरार है।

पर वक़्त की दौड़ में तो हर कोई शामिल हुआ है,

और मंज़िल भी उसी को हासिल हुई जो उसके

काबिल हुआ है।

तो क्यों ना किताब के फटे उन पन्नों को एक साथ

मिलकर सी लेते है,

खेल खेल में ही सही चलो आज एक बार फिर से

जी लेते है।


कल जो पुराना सा था वो बीत गया चलो आज कुछ

नया सा लिखते हैं,

जो रिश्ते दिल की कलम से लिखे गए हो वो कभी

नहीं मिटते है।

आज तो हर गली में नशे की महफ़िल रोशन है दोस्तों,

तो आओ थोड़ी हम भी पी लेते हैं,

चलो इस छोटी सी ज़िन्दगी की खातिर आज फिर से

जी लेते है।


ज़िन्दगी और चाय दोनों का स्वाद सुकून में ही मिलता है।





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