पन्नों पर आखर उकेरें हैं हमने सूरत को याद तेरी करते करते , शब्दों को आवाज़ दे न सके हम ... पन्नों पर आखर उकेरें हैं हमने सूरत को याद तेरी करते करते , शब्दों को आ...
कभी साथ निभाने से इंकार है तो कभी साथ रहने का इकरार है। कभी साथ निभाने से इंकार है तो कभी साथ रहने का इकरार है।
किताबों के पन्नो में कहीं ठहरी सी मिली एक कविता! किताबों के पन्नो में कहीं ठहरी सी मिली एक कविता!
इस भागती हुई ज़िन्दगी में भी, सिर्फ मेरे लिए ठहरे हैं। इस भागती हुई ज़िन्दगी में भी, सिर्फ मेरे लिए ठहरे हैं।
कुछ मत करना सब हम कर लेंगे ले लो कम्पलीट ब्रेक। कुछ मत करना सब हम कर लेंगे ले लो कम्पलीट ब्रेक।
फाड़ सकती में उन लम्हों को जिन्होंने मुझे बहुत रुलाया फाड़ सकती में उन लम्हों को जिन्होंने मुझे बहुत रुलाया