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Shivani writer

Fantasy

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Shivani writer

Fantasy

काश जिंदगी एक किताब होती

काश जिंदगी एक किताब होती

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काश जिंदगी सचमुच एक किताब होती

पढ़ सकती मैं कि आगे क्या होगा? 

क्या पाऊंगी में और क्या दिल खोएगा? 

कब थोड़ी खुशी मिलेगी कब मेरा दिल रोएगा? 


काश जिंदगी सचमुच एक किताब होती

फाड़ सकती में उन लम्हों को 

जिन्होंने मुझे बहुत रुलाया

जोड़ती उन सभी पन्नों को 

जिन्होंने मुझे बहुत हंसाया

इतना तो हिसाब लगा पाती में 

कि मैंने कितना खोया और कितना पाया

काश जिंदगी सचमुच एक किताब होती 

वक्त से आंखें चुरा कर में पीछे चली जाती

टूटे सपनों को फिर से अरमानों की तरह सजाती

कुछ पल के लिए मैं भी थोड़ा मुस्कुराती

काश जिंदगी सचमुच एक किताब होती 

काश जिंदगी सचमुच एक किताब होती है


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