किस बात का डर है अब तेरे दिल में जब शर्म नहीं बची उसकी हरकतों में हाँ ये ही वक़्त है, फ़ैसला करना सी... किस बात का डर है अब तेरे दिल में जब शर्म नहीं बची उसकी हरकतों में हाँ ये ही वक़...
इस भागती हुई ज़िन्दगी में भी, सिर्फ मेरे लिए ठहरे हैं। इस भागती हुई ज़िन्दगी में भी, सिर्फ मेरे लिए ठहरे हैं।
यहाँ खुद को सब सही बनाएँ बैठे हैं, कुछ उस सही होने की ग़ुरूर को झांक रही हूँ। यहाँ खुद को सब सही बनाएँ बैठे हैं, कुछ उस सही होने की ग़ुरूर को झांक रही ह...