ग़मों के बदल का कारवाँ चला सिर्फ तन्हाई और दर्द मिला ग़मों के बदल का कारवाँ चला सिर्फ तन्हाई और दर्द मिला
कुदरत के संग रहो, कुदरत से छेड़छाड़ को करो हराम कुदरत के संग रहो, कुदरत से छेड़छाड़ को करो हराम
यह सरहदें फिर किसके लिए है क्यों वो जान हथेली पर लिए है यह सरहदें फिर किसके लिए है क्यों वो जान हथेली पर लिए है
होठों के इस कहर से कोई बच न पाया है, होठों के इस कहर से कोई बच न पाया है,
घर से निकले बाहर कोई ना, बात सभी को समझानी होगी हाथ धोकर, मास्क लगाकर, समझदारी हमे दिखानी होगी। घर से निकले बाहर कोई ना, बात सभी को समझानी होगी हाथ धोकर, मास्क लगाकर, समझदार...
कोरोना एक महामारी है हमें मिलजुलकर इसे देश से भगाना है कोरोना एक महामारी है हमें मिलजुलकर इसे देश से भगाना है