किस बात का डर है अब तेरे दिल में जब शर्म नहीं बची उसकी हरकतों में हाँ ये ही वक़्त है, फ़ैसला करना सी... किस बात का डर है अब तेरे दिल में जब शर्म नहीं बची उसकी हरकतों में हाँ ये ही वक़...
इंसानियत के दिल में बुराई के खंज़र से छेद करता है क्यों इंसान ही किसी इंसान में भेद करता है, इंसानियत के दिल में बुराई के खंज़र से छेद करता है क्यों इंसान ही किसी इंसान में...
मुद्दत बाद आया नई शक्ल पुराना शऊर लिए मैं उसको पहचान न लेता तो क्या करता मुद्दत बाद आया नई शक्ल पुराना शऊर लिए मैं उसको पहचान न लेता तो क्या करता
उदारता खो गई है कहीं, धोखे का बाज़ार है लगाता, उदारता खो गई है कहीं, धोखे का बाज़ार है लगाता,
पर कुछ चंद लोगों ने सबका चैन छीन लिया, कभी धर्म के नाम पर, कभी आज़ादी के नाम पर, पर कुछ चंद लोगों ने सबका चैन छीन लिया, कभी धर्म के नाम पर, कभी आज़ादी के नाम...