ग़लत के ख़िलाफ़
ग़लत के ख़िलाफ़
ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना सीख जा
ना घबरा, अपना वजूद बताना सीख जा
आज जो ग़लत किसी के साथ हुआ है
मत सोच की वो तेरा अपना नहीं है
ना हो कल तेरे साथ, लड़ना सीख जा
ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना सीख जा
अगर ग़लत करे तेरा अपना कोई
अब वो हैवान है तरस ना खा कोई
अपनों को भी ग़लती पे सज़ा देना सीख जा
ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना सीख जा
किस बात का डर है अब तेरे दिल में
जब शर्म नहीं बची उसकी हरकतों में
हाँ ये ही वक़्त है, फ़ैसला करना सीख जा
ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना सीख जा
उसने भी तो ख़ंजर तेरी पीठ में घोंपा है
दोस्ती के नाम पर इतना बड़ा धोखा है
अब ना सोच, इन्हे दूर करना सीख जा
ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना सीख जा
सोच के तूने आज उसे ऐसे ही छोड़ दिया
कल को फिर उसने औरों के साथ ऐसा ही किया
वक़्त हो गया है, हैवानो का वध करना सीख जा
ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना सीख जा l