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अगला कदम

अगला कदम

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पहले कदम के बाद अब,

वक़्त दूसरे कदम का आया,

हमने भी उन्हें डरते हुए,

अपने दिल का हाल बताया।


फिर तो शुरु हो गया,

सिलसिला मुलाकातों का,

हमारी देर रात तक होने वाली,

प्यार भरी लम्बी-लम्बी बातों का। 


जब इकरार किया हमने उनसे, 

वो मुहब्बत का दौर ही और था,

चर्चा हमारे जूनून का सब तरफ, 

वो इश्क़ वाला शोर ही और था। 


तूने भी किसी अपवाह की,

परवाह तो कभी ना की थी, 

उन बातों पर शक ना लड़ाई, 

मुझसे कभी बेवज़ह की थी।


ना जाने कब तुझसे यूँ,

हम अपना दिल लगा बैठे,

लोगो की परवाह ना की,

सारा ज़माना भुला बैठे।


एक तो तुम हो इतने प्यारे,

और उसपे तुम्हारी ये मुश्कान, 

अब अपना इरादा पक्का है,

तेरे साथ ही है मेरी पहचान।।


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