उसका जवाब
उसका जवाब


एक सुन न सके, एक कह न सके,
हाँ ये इश्क़ ही था, जिसे दोनों समझ न सके
मोहब्बत एक प्यारा सा इत्तफ़ाक है
लोगों को लगता बस एक मज़ाक है
जो डूब जाये एक बार इस दरिया में
उनके लिए खरा, बाकियों के लिए नापाक़ है
तुम अभी करो न करो, तुम्हारी मर्जी है
ये तो एक दुआ है, न कोई खुदगर्ज़ी है
समझ लो एक बार तुम इसे अच्छे से
फिर हम भी तो जाने की क्या तुम्हारी मर्ज़ी है
जब होगा तुम्हे किसी से बेपनाह प्यार
डरते - डरते करोगे तुम उसपे ऐतबार
सोचते रहोगे हर वक़्त बस उसी के बारे में
क्या होगा उसका ज़वाब - इकरार या इंकार
वो ज़वाब कह न सके, हम सुन न सके
हाँ ये इश्क़ ही था, जिसे दोनों समझ न सके