एक को एक से दूर कदापि न भगाओ। एक को एक से दूर कदापि न भगाओ।
अगला पन्ना किताब का उसकी। जहाँ चाहें घुमा दें, ये है मर्ज़ी उसकी। अगला पन्ना किताब का उसकी। जहाँ चाहें घुमा दें, ये है मर्ज़ी उसकी।
'तेरी जीत मेरी हार ... 'तेरी खुदगर्जी या खुदा कि मर्जी मेरी खामीया पता नहीं .... यह कैसा प्यार ते... 'तेरी जीत मेरी हार ... 'तेरी खुदगर्जी या खुदा कि मर्जी मेरी खामीया पता नहीं .....
चिट्ठी खोली लोगों ने तो, कुछ ऐसा उसमें लिखा पाया किसी एक को चुनना मुश्किल है दोनों को ही खोने से ... चिट्ठी खोली लोगों ने तो, कुछ ऐसा उसमें लिखा पाया किसी एक को चुनना मुश्किल है ...
बंद कोई खिड़की हूं मैं हाँ एक लड़की हूँ मैं। बंद कोई खिड़की हूं मैं हाँ एक लड़की हूँ मैं।
तुम अभी करो न करो, तुम्हारी मर्जी है ये तो एक दुआ है, न कोई खुदगर्ज़ी है तुम अभी करो न करो, तुम्हारी मर्जी है ये तो एक दुआ है, न कोई खुदगर्ज़ी है