वैसे तो
वैसे तो
वैसे तो
एक और एक
मिल कर
दो बनता है।
पर दो
की कोई
कहाँ सुनता है
आवाज बड़ी हो
तो दूर तक
जाती है ...
वरना छोटी तो
बस मक्खी
भिनभिनाती है।
बेहतर है
एक से एक
को मिलाओ
जोड़ा ग्यारह का
बनाओ।
संख्या दो जुड़ेगी
केवल एक मिलेगी
पर ताकत
उसमें
दस और एक
की होगी।
मर्जी तुम्हारी है
फायदा नुकसान
तुम्हारा है
किसे छोड़ो
किसे अपनाओ
फैसला भी
तुम्हारा है पर
एक को एक से
गले लगाओ।
एक को एक से
दूर कदापि न भगाओ।